Thursday, 19 January 2017

होती हो...

लढती हो,  झगडती हो
तब भी दिल में होती हो

अकेले चलते है रास्तो पर
तब  तुम  मंजिल होती हो

अकेले अकेले गाते है हम
तब तुम महफिल होती हो

पर्बत  पर  चढने  जाते है
तब तुम झील मै होती हो

© दिपक रा पाटील

झील - झरा 

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