Thursday, 1 November 2018

एक भारत, श्रेष्ठ भारत , सदा रहे हमेशा...

मोदीजी स्वप्नात येऊन म्हणाले...

मेरे जिन्दगी का आखरी पन्ना
लिखने की ये तमन्ना
तरंग जैसी उठ रही है दिल में
शायर जैसी महफिल में
इन सरसराती पत्तीयो पर
लिखने लगा हूं नया संदेसा
एक भारत, श्रेष्ठ भारत , सदा रहे हमेशा...
जिन्दगी के इस मुकाम पर
सोच रहा हूं ठहरकर
भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाऊंगा
झेंडा ऊंचा लहराकर
उम्मीदो के ये मौसम
आते हैं लेकर खुशीया और गम
उन्ही मौसम में भिगकर
भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाऊंगा
झेंडा ऊंचा लहराकर
मन में उठते है सन्नाटे
रास्तोमें चुभते हैं काटे
उन्ही रास्तो पर चलकर
भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाऊंगा
झेंडा ऊंचा लहराकर....

© दिपक राजेंद्र पाटील

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